अंतरिक्ष युद्धम 16
अंतिम संस्कार
2 घंटे का समय बीत जाने के बाद राज, मिशा और जॉर्ज सावधान की मुद्रा में खड़े थे। जोर्ज ने जनडोर वासी के मृत शरीर को स्पेसक्राफ्ट के अंदर डालकर उसे बिल्कुल ढलान के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया था। वह लोग उस मृत शरीर का अंतिम संस्कार करने वाले थे। ढलान के ठीक नीचे लावा वाली खाई थी जिसमें उस मृत शरीर को बहाकर उसे अग्नि के हवाले कर दिया जाएगा। जोर्ज कुछ भी नहीं बोल रहा था इसलिए मिशा दो कदम आगे आई और उसने आत्मा की शांति के लिए कुछ शब्द पढ़ें। वह शब्द इंग्लिश में थे जो हर चर्च में आत्मा की शांति के लिए पढ़े जाते थे। अपने उन शब्दों में मिशा ने भगवान से प्रार्थना की,
"इस निर्जीव शरीर की पवित्र आत्मा को भगवान मोक्ष की ओर लेकर जाए और उन्हें जीवन के जन्म मरण के सभी कर्मों से मुक्ति दे। प्रकृति में जो भी कुछ होता है वह भगवान द्वारा तय की गई नीति के अनुसार ही होता है, जो हमेशा उचित होती है। हम आप से प्रार्थना करते हैं कि आप हमें कभी निराश नहीं करेंगे और इस पवित्र आत्मा को स्वर्ग में स्थान देंगे। "
अंत में मिशा ने अपने दायां हाथ दिल पर रखा और आखिर में कहा "भगवान हमेशा हमारे साथ है" राज ने भी हाथ दिल पर रखकर मिशा के इन शब्दों को दोहराया।
इन सबके बाद जॉर्ज आगे आया और उसने स्पेसक्राफ्ट को ढलान की ओर धक्का दे दिया। स्पेसक्राफ्ट पहले तो धीरे-धीरे ढलान की ओर गया लेकिन एक निश्चित दूरी पर पहुंचने के बाद उसने गति पकड़ ली। फिर नीचे गिरने का एक शोर हुआ और स्पेसक्राफ्ट लावा में डूबने लगी। तीनों नम आंखों के साथ इस दृश्य को देख रहे थे।
"मुझे अफसोस है कि यह सब हमारी वजह से हुआ है " राज ने रूख़े गले से कहा "कहीं ना कहीं गुरु वुवान से उस लड़ाई का कारण हम ही थे जिसकी वजह से उन्होंने स्पेसशिप पर हमला किया और हमें स्पेसक्राफ्ट की मदद से बाहर जाना पड़ा।"
"इसमें तुम लोगों का कोई कसूर नहीं" राज की बात पूरी होते ही जॉर्ज ने कहा "गुरु वुवान की ताकत का कोई मुकाबला नहीं, ऐसे में यह तो होना ही था। तुम लोग खुद को दोष मत दो।" कहने के बाद जॉर्ज आसमान की तरफ देखने लगा। "जैसे ही जनडोर वासियों को हमारे बारे में पता चलेगा वह हमें यहां लेने आ जाएंगे, तब तक हमें किसी सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। हम लोग इस वक्त सेक्टर ग्रह पर है जहां खुले में घूमना किसी तरह से सुरक्षित नहीं"
पहाड़ी के दूसरी ओर हरे-भरे जंगल का क्षेत्र था जो दूर दूर तक फैला हुआ था। जॉर्ज उस और चल पड़ा और राज और मिशा भी उसके पीछे पीछे जानें लगें।
"लेकिन क्यों??" राज ने चलते हुए सवाल पूछा।
"दरअसल सेक्टर ग्रह, एक ऐसा ग्रह है जिसका इस्तेमाल गैलेक्सी के दूसरे आठों ग्रहों के कैदियों को रखने के लिए किया जाता है। यहां ना तो किसी तरह का नियम है ना ही संविधान, इस ग्रह का कोई शासक नहीं, जो ताकतवर होगा वह जीवित रहेगा और जो कमजोर होगा वह या तो मर जाएगा या उसको गुलामी करनी पड़ेगी"
यह सुनते ही राज अपने चारों तरफ देखने लगा जहां उसे दूर दूर तक लाल आसमान के सिवा और कुछ नहीं दिख रहा था।
"पर यहां तो मुझे कोई नहीं दिखाई दे रहा" उसने यह सवाल जोर्ज से किया।
"वह शिकारी की तरह व्यवहार करते हैं, इसलिए दिन में तुम्हें कोई नहीं दिखेगा लेकिन जैसे ही रात होगी सब के सब बाहर आ जाएंगे" जार्ज ने कदमों को और तेज कर लिया।
राज और मिशा भी उसके कदमों की बराबरी करने की कोशिश कर रहे थे।"पर तुम्हें कैसे पता चला..?? कि हम सेक्ट...जो भी ग्रह पर है" सेक्टर ग्रह जैसा नाम राज से लिया भी नहीं जा रहा था।
"क्योंकि मैं भी यहां इससे पहले कई बार आ चुका हूं, अक्सर हम लोग अपने ग्रह के भी कैदी यहां लाकर छोड़ा करते थे। पहले तो मुझे इसके बारे में नहीं पता चला था लेकिन अब इसे अच्छे से पहचान गया हूं" जॉर्ज ने अभी भी अपनी गति कम नहीं की थी।
राज जिकनोर की तरफ देखने लगा जो बोली "सेक्टर ग्रह, वैसे तो इस ग्रह को देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि यहां किसी भी तरह के जीवन की मौजूदगी हो सकती है लेकिन कैदियों को कैद करने के लिए यह पूरी तरह से अनुकूल ग्रह था। यहां हरियाली का भी वजूद था और तबाही का भी। एक और गर्म लावा था तो एक और हरे-भरे जंगल। इस तरह के ग्रह ब्रह्मांड में काफी कम ही होते हैं। इन ग्रहों की ऐसी हालत उनके सूरज की और अधिक झुकाव से घुर्णन करने के कारण होती है। सामने वाला हिस्सा हमेशा सूरज के सामने ही रहता है और पीछे वाला हिस्सा वहां दिन और रात नियमित अंतराल के बाद होती रहती है। इस वजह से जो हिस्सा सूरज के सामने होता है वहां जीवन नर्क बन जाता है, क्योंकि तापमान में कमी ना होना लावा को डेल्टा में परिवर्तित नहीं होने देता और इससे धीरे-धीरे लावा की नदियों का वजूद स्थापित हो जाता है। यह बदलाव दिन और रात के प्रकम में भी आता हैं जिससे लावा ठोस चट्टानी पत्थरों में बदल जाता है। ग्रह के यही बदलाव जीवन को संभव बनाते हैं। पेड़ पौधे इसी बदलाव के कारण पनपने की क्षमता रखते हैं। इस बात को प्रमाण तो नहीं कि यहां जीव रूपी जीवन पहले से मौजूद था लेकिन दूसरे आठो ग्रहों के जीवन को जरूर यहां लाकर छोड़ा गया था। भले ही वह कैदी हो लेकिन जीवन के साक्ष्यों के लिए उन्हें नकारा नहीं जा सकता। अब क्योंकि कुल आठ ग्रहों की अलग-अलग प्रजाति ग्रह पर होगी तो उनमें काफी सारी विभिन्नताएं भी होगी। खुद को जीवित रखने की कोशिश ने यहां मौजूद सभी प्रजातियों को भक्षक बना दिया जो एक शिकारी की भांति व्यवहार करते हैं"
जनडोर ग्रह पर हुई घटनाएं
जनडोर ग्रह के वासियों को राज, मिशा और मिस्टर रावत के गायब होने की सूचना काफी पहले ही मिल गई थी। जब उन्हें पता चला तीनों धरतीवासियों के साथ साथ गुरु जीवा पर भी हमला हुआ है तभी उन्होंने सख्त कदम उठा लिए थे और जल्दी से जल्दी एक गुप्त बैठक बुलाई। मामला दो ग्रहों के आपसी विवाद का था, ऐसे में कोई भी गलत निर्णय एक जंग की शुरुआत कर सकता था। फैसला सोच समझ कर लेना जरूरी था। फिर गैलेक्सी के दूसरे आठ ग्रह भी शांति चाहते थे, ऐसे में अगर कोई भी एक ग्रह जंग की ओर जाता है तो बाकी के आठ ग्रह भी कहीं ना कहीं उसका हिस्सा बन जाएंगे। यह प्रणाली कुल मिलाकर पृथ्वी की प्रणाली से ही मिलती जुलती थी। जब दूसरा विश्व युद्ध हुआ था तब कुछ इसी तरह के समझौते बन थे और पहले विश्वयुद्ध का कारण भी कुछ ऐसे ही समझौते थे। पहले विश्व युद्ध की शुरुआत में अलग-अलग देशों ने कई सारे समझौते किए और पूरे विश्व को दो ग्रुपों में बांट दिया। इन सभी देशों के समझौतों में जो मुख्य बात उभरकर आती थी वो ये थी कि अगर कोई भी एक देश किसी एक देश पर हमला करता है तो उसके बाकी के सारे मित्रवत देश उसे बचाने के लिए आगे आएंगे। मतलब साफ तौर पर अगर एक छोटा सा देश भी जंग की शुरूआत करेगा तो बाकी के सारे देश जंग में कूद जाएंगे। क्योंकि समझौतों की रूपरेखा इन सभी मामलों को बहुत दूर तक ले जाती थी। प्रथम विश्व युद्ध के विनाश के बाद दूसरे युद्ध में भी भयंकर विनाश देखने को मिले जो पहले विश्वयुद्ध से ही उभरे थे। यह स्थिति लगभग वैसी ही थी जैसी किसी नोबेल को लिखने के बाद उसके सीक्वल को लिखने की होती हैं। सीक्वल जो पहली कहानी से ही निकल कर आता है। जनडोर वासियों ने काफी लंबी बैठक के बाद फैसला किया कि वह पता लगाएंगे राज और बाकी दोनों धरती वासियों को कहां रखा गया है फिर अपनी स्पेसशिप वहां भेजेंगे और उन्हें ले आएंगे। उनके साथ एक छोटी सेना की टुकड़ी ही जाएगी ताकि भविष्य में अगर इस मसले को आठो ग्रहों की संतुलित बैठक में रखा जाता है तो उनकी और से कहा जा सके कि जनडोर वासियों ने जंग का आगाज नहीं किया था। फिर जिस स्पेसशिप को भेजने की बात हो रही थी वह भी यात्रा करने के लिए बनी स्पेसशिप थी। जंग में इस्तेमाल होने वाली स्पेसशिप अलग होती है। उन्हें युद्ध-पोत या जंगीए-स्पेसशिप कहा जा सकता था। इस तरह वो लोग किसी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन को अंजाम देने की प्लानिंग बना रहे थे। पूरा मसला तैयार कर लिया गया और अंत में 24 सैनिकों के साथ जोर्ज को इस मिशन की अगुवाई के लिए चुना गया। वैसे वो लोग जैक, जीवन और जय को भी साथ भेज सकते थे लेकिन चारों को एक साथ भेजना सही नहीं था। अगर खुदा न खास्ता परिस्थितियां खराब हो जाती तो वह एक साथ चार बेहतरीन सिपाही और तीनों धरती वासियों को खो सकते थे। इसीलिए सिर्फ जॉर्ज का चयन हुआ जो स्पेसशिप का कैप्टन होने के साथ-साथ एक बेहतरीन कमांडर भी था। जॉर्ज का अनुभव और उसके पायलट वाली क्षमता तथा फिर सही समय पर सही निर्णय लेना उसकी काबिलियत को किसी से भी बढ़कर खास बनाती थी। पूरे मामले की अगुवाई गुरु जीवा की ही देखरेख में हुई थी और अभी तक महान वेनाड़ा को इसके अंदर हस्तक्षेप का मौका नहीं दिया गया था। महान वेनाडा यूं तो पूरे ग्रह के राजा थे लेकिन उन्हें जरूरी मसलों में ही आगे लाया जाता था। ग्रह के लोग महान वनाडा को उत्तम दर्जे पर रखते थे, राजा को किसी भी तरह की तकलीफ देना प्रजा के लिए अपराध जैसा ही था। इसीलिए गुरु जीवा की देखरेख में सब फैसले लिए गए। अगर इस व्यवस्था की तुलना किसी चैस वाले गेम से करें तो गुरु जीवा पूरे गेम में वजीर की तरह थे जहां वजीर और पियादे ही महत्वपूर्ण होते हैं न की राजा। राजा का काम किसी भी तरह गेम में बस जिंदा रहना का होता था। बाकी सभी चालों पर तो प्यादे और वजीर ही काम करते थे। तकरीबन 2 घंटे के अंतराल के बाद जॉर्ज 24 सैनिकों के साथ स्पेसशिप पर सवार होकर वापस अंतरिक्ष में चला गया था। वहां उन्होंने अपने ग्रह पर आने वाली स्पेसशिप की लोकेशन ट्रैक की और उन्हें अंतरिक्ष के हर एक कोने में छाना। थोड़ी ही देर की मशक्कत के बाद स्पेसशिप ने बता दिया था कि तीनों धरती वासियों को ले जाने वाले स्पेसक्राफ्ट की लोकेशन नोर्कस ग्रह पर मिली है। बस फिर क्या जॉर्ज ने स्पेसशिप को लाइट की स्पीड से चलाया और नोर्कस ग्रह पर पहुंच गया। जब वह लोग वहां पहुंचे तो तेज धूल भरी हवाओं ने पूरे ग्रह को घेर रखा था। हवाई इतनी तेज थी कि भारी भरकम स्पेसशिप को भी लैंड होने में दिक्कत हुई। हवा के झोंके स्पेसशिप पर सीधे नीचे की तरफ दबाव डाल रहे थे और उन्हें बाएं ओर पलटने की कोशिश में थे। हालांकि स्पेसशिप के भार और ग्रह के गुरुत्वाकर्षण ने अपना संतुलन बनाए रखा, फिर स्पेसशिप के मजबूत लांचर स्पेसशिप को दबाए जाने से रोक रहे थे। जॉर्ज ने स्पेसशिप को ग्रह के थल से कुछ सो मीटर ऊपर ही रोक दिया था क्योंकि अगर ऐसी स्थिति में स्पेस शिप जमीन पर लेंड हो जाती तो फिर उड़ान भरना मुश्किल था। सतह रेतीली थी जिन्हें स्पेसशिप के लांचर के अंदर जाकर उसे खराब करने में बिल्कुल समय नहीं लगता। इसके बाद एक के बाद एक रसिया नीचे की गई और पहले जोर्ज जमीन पर आया और फिर बाद में उसके पीछे के सैनिक। सभी ने जगह को पूरी तरह से घेर लिया और आखिर में जार्ज ने दरवाजा तोड़कर हीरो वाली एंट्री मारी। इसके बाद वही सब हुआ जो होना था, एक मुकाबला, फिर सभी धरती वासियों को सही सलामत रेस्क्यू करना, इसके बाद अंतरिक्ष में गुरु वुवान का सामना; जहां गुरु वुवान के सिर्फ एक हमले ने पूरी स्पेसशिप को दो हिस्सों में बांट दिया।
सेक्टर ग्रह की रात
सेक्टर ग्रह पर रात होते-होते तीनों जंगल में काफी अंदर तक आ चुके थे। उन्हें रहने के लिए किसी गुफा की तलाश थी जो अभी तक नहीं मिली। दूर दूर तक देखने पर सिर्फ जंगल ही दिखाई दे रहा था, अगर जंगल के अलावा कोई दूसरी चीज दिख भी रही थी तो वो सिर्फ़ घना अंधेरा ही था। जॉर्ज के लोहे के भारी-भरकम सूट में कंधे के पास लगी हेडलाइट उसे आगे का रास्ता दिखा रही थी जबकि मिशा और राज के पास छोटी टॉर्च थी।
बीच रास्ते में राज बोला "तुम्हें पता है जॉर्ज, हमारे यहां बिल गियर्स नाम का एक आदमी था। वो एक टीवी प्रोग्राम बनाकर लोगों को सिखाता था कि इस तरह के मुश्किल हालात का सामना कैसे किया जाए। मतलब अगर कोई जंगल में फस जाए या फिर किसी बर्फीली पहाड़ी पर, तो वहां के कठिन परिस्थितियों में कैसे बचना है। मैंने उसके लगभग सारे शो देखे हैं। इस हिसाब से तुम कह सकते हो कि मुझे भी जंगल में रहने का अच्छा खासा एक्सपीरियंस है"
"और तुम्हारा एक्सपीरियंस क्या कहता है??" मिशा राज की बात में ही बोल पड़ी। वो उसकी बात सुनकर मुस्करा रही थी।
"फिलहाल यही कि हमें किसी जगह पर रुकना चाहिए, अगर हम ऐसे ही चलते रहेंगे तो थकावट की वजह से हम लोगों को गहरी नींद आ सकती है। गहरी नींद में हम किसी भी दुश्मन का एक आसान शिकार बन जाएंगे। सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम किसी जगह पर रुके और आग जलाकर इस रात को जैसे-तैसे कर निकाले"
"आग जलाना किसी भी तरह से एक बेवकूफाना हरकत होगी" जॉर्ज ने राज की बात का सख्ती से जवाब दिया। "वैसे भले कोई हम तक पहुंचे या न पहुंचे पर तुम्हारे आग जलाने से जरूर पहुंच जाएगा"
"तो फिर हमें किसी पेड़ के ऊपर चढ़कर बैठ जाना चाहिए, ऐसे चलना भी तो किसी बात का सलूशन नहीं"
अचानक जोर्ज के चलते हुए कदम रुक गए। "तुमने यह आइडिया पहले क्यों नहीं दिया" और वो राज को तिरछी नजरों से घूरने लगा।
"क्या मतलब!!" मिशा ने दोनों के चेहरे देखे।
"मतलब हमें कोई अच्छा सा पेड़ ढूंढना होगा और फिर उसके ऊपर आज की रात बिताएंगे" जोर्ज ने मिशा को समझाया।
राज और जॉर्ज दोनों ही अपनी-अपनी जगह सही थे। राज ने जो पहला वाला आईडिया दिया था अर्थात जिसमें आग जलाकर सरवाइव करना था वह इस तरह के हालात में थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता था। अगर हालात किसी जंगल के होते, जैसे पृथ्वी पर, तब यह बेहतर हो सकता था। क्योंकि पृथ्वी पर आने वाले खतरे जंगली जानवरों के होते हैं जिन्हें आग से डर लगता है लेकिन यहां वो लोग जिस जगह पर फंसे थे वहां खतरा जंगली जानवर से नहीं बल्कि शिकारी कैदीयों से था। संभवत वह आग को अच्छे से जानते थे और इस तरह आग उन्हें बिल्कुल नहीं डरा सकती थीं। फिर दूसरा आईडिया जो राज ने रखा था जिसमें पेड़ पर रात बितानी थी वह जॉर्ज को भी अच्छा लगा। कम से कम यह उन्हें किसी भी जमीनी खतरे से तो बचाएगा। अगर वो लोग पेड़ पर काफी ऊंचाई पर होंगे तो किसी की नजर में भी नहीं आएंगे। शिकारी अक्सर सामने दिखने वाली चीजों का ही शिकार करते हैं। ऐसे में कोई पेड़ की तरफ होंगा तो शिकारीयों की नजर में आना मुश्किल होगा। लेकिन यह सिर्फ अंदाजा ही था, हो सकता है हालात कुछ और ही हो। हो सकता है इस ग्रह पर पेड़ों को भी सुरक्षित ना कहा जाए। क्योंकि जिस हिसाब से जोर्ज ने ग्रह की जानकारी दी थी उस हिसाब से आठों ग्रहों की प्रजाति यहां मौजूद थी जिनका जान लेना पहला काम था और तड़पाना दूसरा।
राज की आईडिया देने के बाद उनसभी की तलाश कोई अच्छा सा पेड़ ढूंढने की थी, ताकि वहां कमर टिकाई जा सके। रात के अंधेरे में किसी अच्छे पेड़ की तलाश लगभग खोई हुई चीज को ढूंढने जैसा ही थी। हालांकि सभी को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी और तकरीबन आधे घंटे में ही उन्हें एक अच्छा और चौड़ा पेड़ मिल गया था। यह पेड़ रात बिताने के लिए पूरी तरह से परफेक्ट था। उसकी चौड़ी शाखाओं पर कमर टिकाने के साथ-साथ लेट कर सोया भी जा सकता था। सभी मेहनत करके उस पेड़ पर चढ़े और अपनी अपनी स्थिति संभाल ली। नींद उनकी आंखों में आने को थी, क्योंकि आज का दिन उनके लिए कुछ ज्यादा ही बुरा रहा था।
डराने वाले जीव
लगभग रात के तकरीबन 2:00 बजे के आसपास मिशा की आंखें एक हल्की आहट से खुली। उसे ऐसे लगा था जैसे कुछ कदमों की आवाज उनकी ओर आ रही है। मिशा ने लंबी चौड़ी शाखां पर खुद को खिसकाया और नीचे की ओर झुक कर देखा। अंधेरे के कारण कुछ ठीक से दिख नहीं रहा था पर फिर भी वो आंखों को एक ही जगह पर केंद्रित कर देखने की कोशिश कर रही थी। उसके कान चौकाने थे जो अगले किसी भी आहट को सुनते ही उसका पता लगा लेंगे। मिशा ने गौर से अपने दोनों ओर देखा, पहली दाई और, इसके बाद बाईं और।
उस आहट के बाद कोई भी दूसरी गतिविधि नहीं हुई थी। वह वापिस सहज हुई और पीठ के बल शाखां पर खुद को वैसे ही कर लिया जैसे पहले थी। उसके ऊपर वाली शाखां पर राज सोया हुआ था और दुसरी और की एक टहनी पर जॉर्ज। जॉर्ज ने खुद के पैर सामने वाली शाखां के एक एल आकार के मोड़ में फंसा रखे थे ताकि वो नीचे ना गिरे। राज की शाखां बड़ी थी ऐसे में उसे नीचे गिरने का डर नहीं था। मिशा ने दोनों को देखा और फिर उसकी आंखें राज पर आकर टिक गई। राज का एक हाथ नीचे की ओर लटक रहा था जिसमें पहनी घड़ी की सेकंड वाली सुई टिक टिक की आवाज कर रही थी। यह आज से कुछ महीनों पहले की ही बात थी जब उसकी एक हस्ती खेलती दुनिया हुआ करती थी। वो अपने बॉयफ्रेंड और अपने जासूसी वाले काम से खुश थी। इसके बाद जब उसने अपने जासूसी वाले काम में पर्यटन को भी शामिल कर लिया तब ऐसे लगा जैसे जिंदगी में अब किसी चीज की कमी नहीं रही। किसने सोचा था कि ऐसा भी एक दिन आएगा और कुछ एलियन उसे उसके ग्रह से करोड़ों किलोमीटर दूर ले आएंगे। वहां बदकिस्मती से वो ना तो पृथ्वी पर किसी से संपर्क कर सकती है ना ही किसी को अपने जिंदा होने की खबर दे सकती। उसने घड़ी कि उसे सैकंड वाली सुई को मस्तिष्क की रेखाओं पर उभारते हुए सोचा कि शायद अब तक तो उसका बॉयफ्रेंड भी उसे भूल गया होगा, हो सकता है उसने दूसरी शादी भी कर ली हो या फिर वह उसे ढूंढने की कोशिश कर रहा हो। वह भी तो एक एजेंट था तो ऐसे में उसका दिमाग कहीं ना कहीं यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर मिशा बिना बताए गई तो गई कहां। अगर वह उसके मरने की भी कल्पना करता तभी उसके मन में यह जरूर होगा कि मरने के बाद मिशा की लाश कहां गई। फिर इसके बाद....।
लेकिन...
उसकी सोच का पहिया यहीं रुक गया। एक और आहट हुई और उसके चौकन्ने कान फिर से खड़े हो गए। इस बार का शोर पहले के शोर की तुलना में कई गुना ज्यादा था। मिशा ने वापस पलट कर नीचे की ओर देखा। शोर की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी और वो उसके सामने की ओर से ही आ रहा था। मतलब मोटा मोटा यही अंदाजा लग रहा था कि कोई ना कोई उनकी और आ रहा है। मिशा ने खुद के दिल की धड़कन को शांत किया और देखने की कोशिश की आखिर कौन उनकी ओर आ रहा है। अंधेरा ज्यादा था पर धुंधले धुंधले दृश्य जरूर उसे दिख ही रहे थे। हलचल और ज्यादा बढ़ गई और साथ में मिशा की जिज्ञासा भी। यह जिज्ञासा तब शांत हुई जब उसे सामने से दो बड़े-बड़े एलियंस जीव पेड़ की ओर आते हुए दिखे। उन्हें देखते ही वो एकदम से सहम गई और उठ कर बैठ गई। शरीर में अजीब सी सिरहन दोड़ने लगी थी। उसने पैरों को समेटा और खुद को शाखां पर संतुलित करते हुए उन जीवो की रूपरेखा देखी।
वह तकरीबन 10 फीट ऊंचे एलियंस होंगे। दिखने में उनकी प्रजाति जनडोर वासियों से काफी ज्यादा अलग थी। हाथ और जाघं दोनों ही चौड़े थे जिनकी चौड़ाई हाथी के पैरों के लगभग बराबर थी। शरीर बालों से भरा पड़ा था लेकिन चेहरे पर किसी भी तरह के बाल नहीं थे। शरीर की तुलना में चेहरा पतला भी था। उनके हाथों में कुछ उपकरण भी थे जो स्पेसक्राफ्ट के टूटे हुए पुर्जे लग रहे थे। मिशा ने ध्यान से देखा तो उसे पता चला, यह स्पेसक्राफ्ट के टूटे हुए पुर्जे ही थे जो शायद उन्होंने उसी एकमात्र स्पेसक्राफ्ट से चुराए होंगे जो जॉर्ज वहीं पहाड़ी की चोटी पर ही छोड़ कर आया था। अगर उन्हें स्पेसक्राफ्ट मिला है तब तो उन्हें यह भी पता होगा कि इस जंगल में कुछ अनजान लोग घूम रहे हैं, मतलब मिशा, राज और जॉर्ज तीनों खतरे में थे।
मिशा ने धीरे से खुद को पीछे की और कर लिया ताकि वह लोग उसे देख ना पाए। अगर इन खूंखार एलियंस ने उन लोगों को देख लिया तो शायद दो-दो हाथ किए बिना उनकी जिंदगी नहीं बचनी वाली थी। लेकिन बदकिस्मती से वह दोनों एलियंस उसी पेड़ के नीचे आए और आकर खड़े हो गए। मिशा ठीक ऊपर थी लेकिन किसी भी तरह की हलचल नहीं कर रही थी। राज और जॉर्ज अभी भी घोड़े बेच कर सो रहे थे और उनका चेहरा देखकर लग भी रहा था कि अभी तक उन्हें इस बात की भनक नहीं। मिशा ने उन्हें उठाने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि वह अगर ऐसा करने की कोशिश करती तो शायद शोर हो जाता और नीचे के एलियंस को उन लोगों का पता चल जाता। मिशा ने अपने बाएं कान को शाखां से थोड़ा साइड में किया और नीचे के एलियंस को सुनने की कोशिश की। वे आपस में ही एलियंस भाषा के अंदर कुछ बड़बड़ा रहे थे। मिशा ने कान हटाया और आंखों से उन्हें देखने के लिए नीचे की ओर झुकी। वो लोग बड़बड़ाने के साथ-साथ आसपास की दिशाओं की ओर इशारा भी कर रहे थे। अचानक इसी कोशिश में मिशा का दांया घुटना फिसला और वह सीधे उन दोनों एलियंस के बीचो बीच जा गिरी। नीचे गिरता ही वह जोर से चिल्लाई जिससे राज और जॉर्ज की भी आंखे खुल गई।
Miss Lipsa
30-Aug-2021 08:50 AM
Wow
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Apeksha Mittal
28-May-2021 04:45 PM
👍👍👍
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